देखी अद्भुत कलाकारी, अचंभित है,देख दुनिया सारी। देखी अद्भुत कलाकारी, अचंभित है,देख दुनिया सारी।
चाह तेरे आंचल की छाया नन्हां मन शिशु फिर बनने को वो तेरी लोरी की मिठास कैसे मैं कोई शब्द लिखूं। चाह तेरे आंचल की छाया नन्हां मन शिशु फिर बनने को वो तेरी लोरी की मिठास कैसे मैं ...
यह सब सुनकर मुन्नी वाली, बोली गेंद तुम्हीं अब ले लो। यह सब सुनकर मुन्नी वाली, बोली गेंद तुम्हीं अब ले लो।
मत चलो दूसरों के पीछे, अपना मार्ग स्वयं बनाओ। मत चलो दूसरों के पीछे, अपना मार्ग स्वयं बनाओ।
घरों को बड़ा करते-करते, हम खुद ही इतने बड़े हो गए, आधुनिकता की आड़ में, अपनी संस्कृति से परे हो गए। घरों को बड़ा करते-करते, हम खुद ही इतने बड़े हो गए, आधुनिकता की आड़ में, अपनी संस...
जाने मस्त कहाँ व्यस्त हो गया जो मानवता अब रुग्ण हो गई। जाने मस्त कहाँ व्यस्त हो गया जो मानवता अब रुग्ण हो गई।